जानिए भाई दूज मनाने के 2 कारण | Bhai Dooj Festival

Bhai Dooj Festival

जैसा हम जानते है दीपावली 5 दिनों का त्यौहार है और भाई दूज (Bhai Dooj) त्यौहार के साथ ही दीपावली का समापन हो जाता है।

भाई दूज (Bhai Dooj) भाई-बहन के रिश्ते को सम्मान देने वाला पुरे भारतवर्ष करता है।

भाई दूज (Bhai Dooj) के दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनकी लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करती हैं।

और इसके बदले में, भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी रक्षा करने का वादा करते हैं। भाई दूज (Bhai Dooj) का त्योहार भाई-बहन के अटूट बंधन का प्रतीक है।

भाई दूज क्यों मनाया जाता है?| Why Bhai Dooj Festival Celebrated?

भाई दूज की पौराणिक कथा में मुख्य रूप से दो कहानियाँ प्रचलित हैं:

पहली पौराणिक कथा – कृष्ण और सुभद्रा की कथा:

महाभारत काल में जब भगवान कृष्ण(Lord Krishna) नरकासुर का वध(Narkasur Vadh) करके लौटे, तब भगवान कृष्णा की बहन सुभद्रा ने उनका स्वागत तिलक करके और आरती उतारकर किया। इसी परंपरा को मान्यता देते हुए, प्रतिवर्ष भाई दूज मनाया जाता है।

दूसरी पौराणिक कथा – यमराज और यमुनाजी की कथा:

कहा जाता है कि यमराज, जो कि मृत्यु के देवता, अपनी बहन यमुनाजी से मिलने उनके घर आए थे। तब यमराज जी की बहन ने यमराज का स्वागत तिलक करके और स्वादिष्ट भोजन करवाकर किया।

यमराज इतने प्रसन्न हुए कि उन्होंने बहन यमुनाजी को वरदान दिया कि जो भाई इस दिन अपनी बहन के यहाँ भोजन करेगा और तिलक लगवाएगा, उसे यमराज का भय नहीं होगा।

भाई दूज कब मनाया जाता है? | When Bhai Dooj Celebrated?

भाई दूज हिन्दू कैलेंडर के कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है, जो दिवाली के ठीक दो दिन बाद आता है।

Bhai Dooj 2025 Date and Time:

23 October 2025

भाई दूज के दिन बहन भाई का तिलक कैसे करती है?

भाई दूज के दिन, बहनें अपने भाइयों को अपने घर आमंत्रित करती हैं और भाई दूज के दिन निम्नलिखित रिवाज करती हैं:

तिलक समारोह:

भाई दूज के दिन सबसे पहले, बहनें अपने भाइयों के माथे पर रोली (लाल चंदन) और अक्षत (चावल) से तिलक करती हैं।

आरती:

इसके बाद, बहने अपने भाइयों की आरती उतारती हैं।

मिठाई खिलाना:

बहने भाई को तिलक लगाने और आरती करने के बाद, अपने भाइयों को मिठाई खिलाती हैं।

भोजन:

भाई दूज के दिन, बहनें अपने भाइयों के लिए विशेष पकवान वाले भोजन तैयार करती हैं और उन्हें भोजन कराती हैं।

प्रार्थना और आशीर्वाद:

इसके बाद बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं और आशीर्वाद लेती हैं।

उपहार:

भाई दूज के दिन भाई, अपनी बहनों को अपनी आर्थिक स्थिति के हिसाब से उपहार देते हैं, जो भाई दूज की परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

भाई दूज के दिन तिलक लगते समय कौन सा मंत्र पढ़ा जाता है?

भाई दूज पर तिलक लगाते समय बहनें इस मंत्र का उच्चारण करती हैं: Bhai Dooj Mantra

भगवान यमराज तिलक करें, यमुनाजी तिलक करें। भगवान यमराज मेरी रक्षा करें।

इसके अलावा, कुछ स्थानों पर निम्नलिखित मंत्र का भी उच्चारण होता है:

“अक्षत पंवित्रं, फलपंवित्रं, व्रतं पंवित्रं, पंवित्रं तव दर्शनं।”

ये मंत्र भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना के साथ तिलक समारोह को पवित्र बनाते हैं।

भाई दूज भारत में अलग अलग राज्यों में किस नाम से जाना जाता है ?

भारत में भाई दूज त्यौहार को विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। यहां कुछ प्रमुख नाम हैं:
महाराष्ट्र और गोवा: भाई बीज (Bhai Beez)
उत्तर प्रदेश और बिहार: भाई दूज (Bhai Dooj)
पश्चिम बंगाल: भाई फोटा (Bhai Phota)
गुजरात: भाई बीज (Bhai Beez)
नेपाल: भाई टिक्का(Bhai Tikka)

भाई दूज का त्यौहार मुख्यतः कहाँ कहाँ मनाया जाता है ?

वैसे भाई दूज का त्यौहार पुरे भारतवर्ष में मनाया जाता है। परन्तु, यह त्योहार अलग-अलग राज्यों में विशेष रूप से मनाया जाता है।
उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, और कर्नाटक जैसे राज्यों में इस त्योहार को धूमधाम से मनाया जाता है।
इसके अलावा, नेपाल में भी भाई दूज को बहुत महत्वपूर्ण रूप से मनाया जाता है, जहां इसे भाई टिक्का के नाम से जाना जाता है। यह त्योहार भाई-बहन के अटूट बंधन को संजोने का एक सुंदर अवसर है।

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