विश्वनाथन आनंद(Viswanathan Anand) दुनिया और भारत भर में शतरंज की उत्कृष्टता का पर्याय बन गए हैं। विश्वनाथन आनंद “विशी” आनंद के नाम से जाना जाता है.
विश्वनाथन आनंद(Viswanathan Anand) जन्म 11 दिसंबर, 1969 को तमिलनाडु के मयिलादुथुराई में. विश्वनाथन आनंद की शतरंज की दुनिया में महारथ हासिल करने की यात्रा छह साल की छोटी उम्र में ही शुरू हो गई थी, जब उनकी माँ ने उन्हें शतरंज खेलना सिखाया था.
विश्वनाथन आनंद | प्रारंभिक जीवन और प्रसिद्धि | Viswanathan Anand Early life and Success
विश्वनाथन आनंद(Viswanathan Anand) की विलक्षण प्रतिभा जल्द ही सबको मालूम हो गयी, जब विश्वनाथन आनंद ने 14 साल की उम्र में भारतीय राष्ट्रीय सब-जूनियर चैम्पियनशिप में पूर्ण स्कोर के साथ जीत हासिल की।
विश्वनाथन आनंद ने 15 साल की उम्र में, अंतरराष्ट्रीय मास्टर खिताब जीतने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय बन गए थे, और 17 साल की उम्र में, वह FIDE वर्ल्ड जूनियर चैम्पियनशिप जीतने वाले पहले एशियाई बन गए.
विश्वनाथन आनंद की उपलब्धियाँ और खिताब | Viswanathan Anand Achievment and Awads
विश्वनाथन आनंद(Viswanathan Anand) का करियर कई पुरस्कारों से भरा पड़ा है। 1988 में विश्वनाथन आनंद भारत के पहले ग्रैंडमास्टर बने और 2000, 2007, 2008, 2010 और 2012 में FIDE विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीते।
विश्वनाथन आनंद की तेज़ खेलने की गति के कारण उन्हें “लाइटनिंग किड” उपनाम मिला और उन्होंने कई विश्व रैपिड शतरंज चैंपियनशिप भी जीती हैं।
विश्वनाथन आनंद के परिवार ने उनके जीवन और करियर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
पिता: कृष्णमूर्ति विश्वनाथन, दक्षिणी रेलवे के सेवानिवृत्त महाप्रबंधक, जिनका 2021 में निधन हो गया।
माँ: सुशीला विश्वनाथन, एक गृहिणी और शतरंज की शौकीन, जिनका 2015 में निधन हो गया।
भाई-बहन: विश्वनाथन आनंद के दो बड़े भाई-बहन हैं। विश्वनाथन आनंद के भाई, शिवकुमार, भारत में क्रॉम्पटन ग्रीव्स में मैनेजर हैं, और उनकी बहन, अनुराधा, यूएसए में मिशिगन विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं।
पत्नी: अरुणा आनंद, विश्वनाथन आनंद से उन्होंने 1996 में शादी की।
बेटा: आनंद अखिल, 2011 में पैदा हुआ।
शतरंज के दिग्गज बनने की उनकी यात्रा के दौरान विश्वनाथन आनंद का परिवार लगातार उनका समर्थन करता रहा है। उनकी पत्नी, अरुणा, उनके करियर में विशेष रूप से महत्वपूर्ण रही हैं, जिन्होंने उन्हें अटूट समर्थन और प्रोत्साहन दिया है।
विश्वनाथन आनंद की लंबाई | Viswanathan Anand height:
विश्वनाथन आनंद की लंबाई 5 फीट 9 इंच (लगभग 1.75 मीटर) है।
विश्वनाथन आनंद का शतरंज में योगदान | Viswanathan Anand Contributions to Chess:
विश्वनाथन आनंद ने अपनी व्यक्तिगत उपलब्धियों से परे भारत में शतरंज को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसके चलते उन्हें FIDE से “भारतीय शतरंज बूम के जनक” की उपाधि मिली। विश्वनाथन आनंद को 2022 में FIDE का उपाध्यक्ष चुना गया, जिससे शतरंज की दुनिया में उनकी विरासत और मजबूत हुई।
विश्वनाथन आनंद पुरस्कार और सम्मान | Viswanathan Anand Awards and Honors:
विश्वनाथन आनंद को कई पुरस्कार मिले हैं, जिनमें 2007 में भारत का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार, प्रतिष्ठित पद्म विभूषण भी शामिल है। वे 1991-92 में भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान, खेल रत्न पुरस्कार के पहले प्राप्तकर्ता भी थे।
विश्वनाथन आनंद को अपने शानदार करियर के दौरान कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं। यहाँ कुछ सबसे उल्लेखनीय पुरस्कार और सम्मान दिए गए हैं:
पद्म विभूषण: 2007 में भारत का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार दिया गया।
खेल रत्न पुरस्कार: 1991-92 में भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान दिया गया।
शतरंज ऑस्कर: 1997 में विश्वनाथन आनंद ने शतरंज ऑस्कर जीतने वाले पहले भारतीय बने।
FIDE विश्व शतरंज चैंपियनशिप: 2000, 2007, 2008, 2010 और 2012 में खिताब जीता।
विश्व रैपिड शतरंज चैंपियनशिप: 2003 और 2017 में जीता।
विश्व ब्लिट्ज कप: 2000 में जीता।
FIDE के उपाध्यक्ष: 2022 में चुने गए।
विश्वनाथन आनंद का शतरंज के शौकीन बच्चे से लेकर विश्व प्रसिद्ध ग्रैंडमास्टर तक का सफ़र उनके खेल के प्रति समर्पण, कौशल और जुनून का प्रमाण है। शतरंज में उनके योगदान ने इस खेल पर एक अमिट छाप छोड़ी है, जिसने भारत और उसके बाहर अनगिनत महत्वाकांक्षी खिलाड़ियों को प्रेरित किया है।
विश्वनाथन आनंद फ़ाइड रेटिंग | Viswanathan Anand fide rating
विश्वनाथन आनंद की वर्तमान FIDE रेटिंग 2750, फ़रवरी 2025 तक है। विश्वनाथन आनंद दुनिया में 10वें और भारत में तीसरे स्थान पर हैं।
विश्वनाथन आनंद की शीर्ष फ़ाइड रेटिंग | Viswanathan Anand peak fide rating:
विश्वनाथन आनंद की शीर्ष FIDE रेटिंग 2817 थी, जो मार्च 2011 में हासिल की गई थी। इसने विश्वनाथन आनंद को उस समय दुनिया का नंबर 1 खिलाड़ी बना दिया था।
विश्वनाथन आनंद शतरंज अकादमी | Viswanathan Anand chess academy:
विश्वनाथन आनंद वेस्टब्रिज आनंद शतरंज अकादमी (WACA) से जुड़े हैं, जो स्थापित और उभरते हुए शतरंज खिलाड़ियों को मेंटरशिप और प्रशिक्षण प्रदान करता है
विश्वनाथन आनंद की कुल संपत्ति | Viswanathan Anand net worth:
दिसंबर 2024 तक विश्वनाथन आनंद की कुल संपत्ति लगभग $5 मिलियन (लगभग ₹43 करोड़) होने का अनुमान है। यह संपत्ति शतरंज में उनके प्रभावशाली करियर से आती है, जिसमें टूर्नामेंट, विज्ञापन, पुस्तक बिक्री और कार्यक्रमों में भाग लेने से मिलने वाली पुरस्कार राशि शामिल है।
विश्वनाथन आनंद विश्व चैंपियन कब बने | when did Viswanathan Anand became world champion
विश्वनाथन आनंद पहली बार 2000 में FIDE विश्व शतरंज चैंपियन बने। उन्होंने 20022 तक यह खिताब अपने पास रखा। इसके बाद आनंद 2007 में निर्विवाद विश्व शतरंज चैंपियन बने और 2008, 2010 और 2012 में अपने खिताब का सफलतापूर्वक बचाव किया, लेकिन 2013 में मैग्नस कार्लसन से हार गए।
विश्वनाथन आनंद ने विश्व शतरंज चैंपियनशिप कितनी बार जीती | how many times Viswanathan Anand won world chess
विश्वनाथन आनंद ने कुल पांच बार विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीती। उन्होंने 2000 में FIDE विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीती और फिर 2007 में निर्विवाद विश्व शतरंज चैंपियन बन गए। उन्होंने 2008, 2010 और 2012 में अपने खिताब का सफलतापूर्वक बचाव किया, लेकिन 2013 में मैग्नस कार्लसन से हार गए।
विश्वनाथन आनंद और मैग्नस कार्लसन | Viswanathan Anand and Magnus Carlsen
मैग्नस कार्लसन और विश्वनाथन आनंद विश्व शतरंज चैंपियनशिप में कई बार एक-दूसरे से भिड़ चुके हैं। उनका सबसे उल्लेखनीय मुकाबला 2013 में चेन्नई, भारत में आयोजित विश्व शतरंज चैंपियनशिप में हुआ था। कार्लसन ने मैच 6½-3½ से जीता और नए विश्व शतरंज चैंपियन बन गए1। इस मैच ने कार्लसन के विश्व शतरंज चैंपियन के रूप में राज की शुरुआत की, जिसे उन्होंने तब से बरकरार रखा है।
विश्वनाथन आनंद और गैरी कास्परोव: Viswanathan Anand and Garry Kasparov:
विश्वनाथन आनंद और गैरी कास्परोव ने अपने शतरंज करियर में कई उल्लेखनीय मुकाबले किए हैं। सबसे यादगार में से एक 1995 की पीसीए विश्व शतरंज चैंपियनशिप थी जो न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में आयोजित की गई थी। गत विजेता कास्परोव ने 20 गेम के मैच में चैलेंजर आनंद का सामना किया। कास्परोव ने 10½ से 7½ के स्कोर के साथ मैच जीता।
एक और महत्वपूर्ण क्षण 2000 में था, जब आनंद ने FIDE विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीती, वह खिताब जीतने वाले भारत के पहले खिलाड़ी बने। कास्परोव और आनंद ने कई बार एक-दूसरे का सामना किया है, जिसमें कास्परोव ने अपने अधिकांश क्लासिक शतरंज मुकाबलों में जीत हासिल की है।
उनकी प्रतिद्वंद्विता शतरंज की दुनिया का एक मुख्य आकर्षण रही है, जो दोनों खिलाड़ियों के अविश्वसनीय कौशल और रणनीतिक गहराई को प्रदर्शित करती है।