रतन टाटा कौन थे? । Who is Ratan Tata?

वैसे रतन टाटा भारत मे किसी परिचय के मोहताज नही थे। भारत मे बच्चा किसी का नाम जाने न जाने टाटा का नाम जरूर जनता है। 

भारत मे टाटा नमक से बड़े बड़े ट्रक बनाने के लिए जाना जाता है।

झारखंड राज्य में शहर का नाम ही टाटा के नाम पर है।

जी हां, जमशेदपुर शहर का नाम जमशेदजी नैरोजी टाटा के नाम से ही है।

जमशेदजी नैरोजी टाटा ने ही आज के जमशेदपुर में 20वी शताब्दी की शुरुआत में टाटा कंपनी की नींव रखी थी।

रतन नवल टाटा एक भारतीय व्यवसायी, निवेशक और अच्छे समर्थक हैं।

रतन टाटा को 1991 से 2012 तक भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनी टाटा समूह के अध्यक्ष के रूप में सेवा देने के लिए जाना जाता है।

रतन टाटा का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर, 1937 को बॉम्बे (अब मुंबई), भारत में हुआ था।

रतन टाटा ने कॉर्नेल विश्वविद्यालय में वास्तुकला का अध्ययन किया और बाद में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में दाखिला लिया।

रतन टाटा का परिवार:

जब रतन टाटा मात्र 10 साल के थे तभी उनके माता पिता का तलाक हो गया था।

In 1948, when Tata was 10, his parents separated, and he was subsequently raised and adopted by Navajbai Tata, his grandmother and widow of Ratanji Tata. He had a younger brother Jimmy Tata and a half-brother, Noel Tata, from Naval Tata’s second marriage to his stepmother Simone Tata.

रतन टाटा का करियर:

रतन टाटा 1962 में टाटा समूह में शामिल हुए। रतन टाटा ने कड़ी मेहनत की और आगे बढ़ते गए।

रतन टाटा 1981 में टाटा इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष बने और बाद में 1991 में टाटा समूह के अध्यक्ष बने।

रतन टाटा ने अपने कार्यकाल के दौरान टाटा समूह को 100 से अधिक देशों में उपस्थिति के साथ एक वैश्विक समूह में बदल दिया।

रतन टाटा द्वारा अधिग्रहित कंपनी

रतन टाटा ने कई रणनीतिक अधिग्रहणों की देखरेख की, जिनमें शामिल हैं:

1. टाटा स्टील द्वारा कोरस ग्रुप का अधिग्रहण (2007)

2. टाटा मोटर्स द्वारा जगुआर लैंड रोवर का अधिग्रहण (2008)

3. टाटा टी द्वारा टेटली का अधिग्रहण (2000)

रतन टाटा मानवीय कार्य:

रतन टाटा को उनके मानवीय प्रयासों के लिए जाना जाता है, खासकर शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और गरीबी उन्मूलन के क्षेत्रों में।

रतन टाटा ने कई कारणों के लिए दान दिया है, जिनमें शामिल हैं:

1. टाटा ट्रस्ट, जो शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और ग्रामीण विकास पहलों का समर्थन करता है

2. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे, जहाँ उन्होंने टाटा सेंटर फॉर टेक्नोलॉजी एंड डिज़ाइन की स्थापना की

3. हार्वर्ड बिजनेस स्कूल, जहाँ उन्होंने टाटा स्कॉलरशिप फंड की स्थापना की

रतन टाटा को पुरस्कार

रतन टाटा को व्यवसाय, परोपकार और समाज में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं। कुछ उल्लेखनीय सम्मानों में शामिल हैं:

1. पद्म विभूषण (2008), भारत का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान

2. मानद नाइट कमांडर ऑफ़ द ऑर्डर ऑफ़ द ब्रिटिश एम्पायर (2009)

3. अर्न्स्ट एंड यंग का एंटरप्रेन्योर ऑफ़ द ईयर (2009)

4. फोर्ब्स का एशिया बिज़नेसमैन ऑफ़ द ईयर (2010)

रतन टाटा की विरासत:

रतन टाटा को उनके दूरदर्शी नेतृत्व, रणनीतिक सोच और मानवीय कार्यों के प्रति प्रतिबद्धता के लिए व्यापक रूप से सम्मानित किया जाता है।

रतन टाटा ने टाटा समूह और भारतीय व्यापार परिदृश्य पर एक स्थायी प्रभाव छोड़ा है।

रतन टाटा की मृत्यु कैसे हुई?

रतन नवल टाटा का 9 अक्टूबर 2024 को 86 वर्ष की आयु में भारत के मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। रतन टाटा उम्र संबंधित समस्याओं से गुजर रहे थे।

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