जानिए विश्व सुनामी जागरूकता क्यों मनाया जाता है? | World Tsunami Awareness Day

World Tsunami Awareness Day

हर साल 5 नवंबर को विश्व सुनामी जागरूकता दिवस(World Tsunami Awareness Day) मनाया जाता है। विश्व सुनामी जागरूकता दिवस मनाने का प्राथमिक उद्देश्य सुनामी के खतरों के बारे में समुद्रतटवर्ती लोगों के बीच में जागरूकता बढ़ाना और सुनामी के प्रभावों को कम करने के लिए प्रयासों को बढ़ावा देना है।

विश्व सुनामी जागरूकता दिवस(World Tsunami Awareness Day) संयुक्त राष्ट्र(United Nation) द्वारा शुरू किया गया है। विश्व सुनामी जागरूकता दिवस(World Tsunami Awareness Day) के दिन सुनामी(Tsunami) के विनाशकारी प्रभावों को कम करने के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों(Early Tsunami Warning System), शिक्षा और लचीलेपन के निर्माण के महत्व लोगों को बता कर जागरूक किया जाता है।

क्यूंकि सुनामी की अप्रत्याशित प्रकृति और उनकी विनाशकारी क्षमता को देखते हुए, लोगों को सुनामी आने पर सूचित करना और उसके लिए तैयार रहना बहुत ही महत्वपूर्ण है।

सुनामी क्या है?| What is Tsunami

सुनामी(Tsunami) एक विशाल और विनाशकारी समुद्री लहर होती है जो समुद्र के अंदर उत्पन्न होने वाले भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट, या अन्य तीव्र घटनाओं के कारण उत्पन्न होती है।

सुनामी(Tsunami) की ये लहरें समुद्र के तल पर अचानक ऊपर उठती है जब ये लहरें बीच समुन्द्र में होती हैं तब कम खतरनाक होती है, परन्तु जब वे तटीय क्षेत्रों पर पहुंचती हैं तो वे अत्यधिक विनाशकारी हो जाती हैं।

इस तरह की सुनामी की लहरों(Tsunami Web) की प्रमुख विशेषता उनकी अत्यधिक गति और विशाल ऊर्जा होती है, जो सुनामी की लहरों को तटीय क्षेत्रों में भारी नुकसान पहुंचाने वाली बनाती है।

दुनिया भर में सुनामी से कैसे बचाव किया जाता है?

दुनिया भर में अलग अलग देश सुनामी की तैयारी के लिए कई तरह के कदम उठाते हैं। खासकर समुद्रतटीय क्षेत्रों(Coastal Area) में सुनामी आने पर प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियाँ स्थापित किया गया हैं जो कि समुद्र के नीचे भूकंप का पता लगाने के लिए सेंसर(Remote Sensing) और उपग्रह प्रौद्योगिकी(Satellite Technology) का उपयोग करती हैं।

सुनामी(Tsunami) आने पर समुद्रतटीय लोगों को निकास मार्गों और सुरक्षा का अभ्यास नियमित रूप से कराया जाता है ताकि सरकार सुनिश्चित कर सके कि जब सुनामी आने की स्थिति में कहां जाना है और क्या करना है।

सुनामी आने पर इससे बचने में सुनामी से बचाव की शिक्षा बहुत बड़ी भूमिका निभाती है।

समुद्रतटीय क्षेत्रो के स्कूल और सामुदायिक केंद्र नियमित तौर पर सुनामी जागरूकता पर कार्यशालाओं का आयोजन करते हैं, जिसमें लोगों को सुनामी आने के प्राकृतिक संकेतों की पहचान कर सकें, जैसे समुद्र के स्तर में अचानक गिरावट या तेज़ भूकंप।

सुनामी से बचाव के लिए जापान के पास समुद्री दीवारों, निकासी टावरों और परिष्कृत सार्वजनिक चेतावनी प्रणालियों सहित कुछ सबसे उन्नत सुनामी बचाव के उपाय किये गए हैं। जापान का सुनामी से बचाव के तरीके दुनिया भर के अन्य सुनामी क्षेत्रों के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य करता है।

दुनिया में सबसे खतरनाक सुनामी कब कब आयी है?(Worst Tsunami in the World)

हिन्द महासागर सुनामी २००४ (Indian Ocean Tsunami 2004):

इंडोनेशिया के सुमात्रा समुद्रतटीय क्षेत्र के समुद्र के अंदर ९। १ मैगनिचुड़ का भूकंप आया, जो कि कुछ ही घंटो में भारत, श्रीलंका तक पहुँच गया था और लगभग १४ देशों में तबाही करते हुए लगभग २३०,००० से ज्यादा लोगों जान ले ली

तोहोकु सुनामी 2011(Tohoku Tsunami 2011):

यह सुनामी जापानी क्षेत्र के समुद्र में ९। ० तीव्रता का भूकंप आने के कारण आया था जिस १८,००० से ज्यादा लोगों की जान गयी थी।

वाल्डिविया भूकंप और सुनामी (1960) Valdivia Earthquake and Tsunami (1960):

चिली में 9.5 तीव्रता के भूकंप से उत्पन्न इस सुनामी ने व्यापक विनाश किया और लगभग 6,000 लोग मारे गए।

क्राकाटोआ सुनामी (1883) Krakatoa Tsunami (1883):

इंडोनेशिया में क्राकाटोआ ज्वालामुखी के विस्फोट से 40 मीटर ऊंची लहरें उठीं, जिससे आयी सुनामी में 36,000 से अधिक लोग मारे गए।

लिस्बन सुनामी (1755) Lisbon Tsunami (1755):

अटलांटिक महासागर में भूकंप के बाद आये सुनामी ने पुर्तगाल और उत्तरी अफ्रीका को बहुत ही ज्यादा प्रभावित किया, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 100,000 लोगों की मौत हो गई।

नानकाइदो सुनामी (1498) Nankaido Tsunami (1498):

जापान के तट पर 8.6 तीव्रता के भूकंप के कारण आई सुनामी में लगभग 30,000 से अधिक लोग मारे गए।

सैनरिकु सुनामी (1896) Sanriku Tsunami (1896):

जापान के सैनरिकु सुनामी (1896) में आये इस सुनामी में लगभग 26,000 से अधिक लोगों की जान ले ली थी।

एरिका सुनामी (1868) Arica Tsunami (1868):

पेरू में भूकंप के कारण आई इस सुनामी ने लगभग 25,000 से अधिक लोगों की जान ले ली।

एन्शुनाडा सागर सुनामी (1498) Enshunada Sea Tsunami (1498):

एन्शुनाडा सागर सुनामी जो कि केइचो नानकाइडो भूकंप के रूप में भी जाना जाता है, इस सुनामी ने जापान में लगभग 31,000 से अधिक लोगों की जान ले ली थी।

होंडो सुनामी (1826) Hondo Tsunami (1826):

जापान के होंडो में आयी सुनामी जिसे होंडो सुनामी (1826) भी कहते है। होंडो सुनामी (1826) के परिणामस्वरूप लगभग 27,000 से अधिक मौतें हुईं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *