जानिये भारत के प्रधानमन्त्री कौन कौन बने हैं? | Prime minister of India

यहाँ भारत के प्रधानमंत्रियों (Prime minister of India) की सूची दी गई है, साथ ही उनके कार्यकाल और योगदान का संक्षिप्त विवरण भी दिया गया है:

जवाहरलाल नेहरू (1947-1964):

स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री, जवाहर लाल नेहरू ने देश के लोकतांत्रिक और समाजवादी ढांचे को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने योजना आयोग जैसी संस्थाओं की स्थापना और औद्योगीकरण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

लाल बहादुर शास्त्री (1964-1966):

अपनी ईमानदारी और सादगी के लिए जाने जाने वाले लाल बहादुर शास्त्री ने 1965 में पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान भारत का नेतृत्व किया और “जय जवान, जय किसान” का नारा दिया।

इंदिरा गांधी (1966-1977, 1980-1984):

भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनके मजबूत नेतृत्व और विवादास्पद फैसलों के लिए याद किया जाता है, जिसमें बैंकों का राष्ट्रीयकरण और 1975 में आपातकाल की घोषणा शामिल है।

मोरारजी देसाई (1977-1979):

पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री, मोरारजी देसाई के कार्यकाल में जनता पार्टी सरकार की शुरुआत हुई और आपातकाल के बाद लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को बहाल करने के प्रयास किए गए।

चरण सिंह (1979-1980):

एक संक्षिप्त कार्यकाल के दौरान, चौधरी चरण सिंह ने कृषि सुधारों और किसानों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित किया।

राजीव गांधी (1984-1989):

राजीव गांधी के कार्यकाल में भारत की अर्थव्यवस्था और प्रौद्योगिकी क्षेत्र को आधुनिक बनाने के प्रयास किए गए, जिसमें नई दूरसंचार नीति और दलबदल विरोधी कानून की शुरुआत शामिल थी।

विश्वनाथ प्रताप सिंह (1989-1990):

भ्रष्टाचार विरोधी रुख के लिए जाने जाने वाले विश्वनाथ प्रताप सिंह के कार्यकाल में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के लिए मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू किया गया था।

चंद्र शेखर (1990-1991):

अल्पावधि के कार्यकाल में, चंद्रशेखर ने अल्पमत सरकार का नेतृत्व किया और आर्थिक सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया। अपने छोटे कार्यकाल में भारत को विश्व बैंक से कर्ज लेने के लिए सोना गिरवी रखा था।

पी.वी. नरसिम्हा राव (1991-1996):

पी. वी. नरसिम्हा राव को भारत की अर्थव्यवस्था को उदार बनाने, महत्वपूर्ण आर्थिक विकास और देश को वैश्विक बाजारों के लिए खोलने का श्रेय दिया जाता है। इन्होंने ने ही पूर्व रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर डॉ मनमोहन सिंह को वित्त मंत्री बना कर भारत में आर्थिक सुधार की शुरूआत की थी।

अटल बिहारी वाजपेयी (1996, 1998-2004):

अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में पोखरण-II परमाणु परीक्षण, कारगिल युद्ध और राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना की शुरुआत हुई। इन्होंने ने पूर्व प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव के आर्थिक सुधारों को जारी रखा था।

अटल बिहारी वाजपेयी पहली बार 1996 मे 13 दिन के लिये प्रधानमंत्री बने थे परंतु लोकसभा में बहुमत नही होने के कारण इस्तीफा दे दिया। फिर 1998 में NDA गठबंधन में दूसरी बार प्रधानमंत्री बने थे। वर्ष 1999 में लोकसभा में 1ब

एच.डी. देवेगौड़ा (1996-1997):

गठबंधन सरकार का नेतृत्व करते हुए, गौड़ा ने ग्रामीण विकास और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित किया।

आई.के. गुजराल (1997-1998):

गुजराल के कार्यकाल में पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को बेहतर बनाने और गुजराल सिद्धांत के कार्यान्वयन के प्रयास किए गए।

मनमोहन सिंह (2004-2014):

पहले सिख प्रधानमंत्री के रूप में, सिंह को वित्त मंत्री के रूप में आर्थिक उदारीकरण में उनकी भूमिका और प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के उनके प्रयासों के लिए जाना जाता है।

नरेंद्र मोदी (2014-वर्तमान):

मोदी के कार्यकाल की विशेषता स्वच्छ भारत अभियान, मेक इन इंडिया और माल और सेवा कर (जीएसटी) जैसी पहल रही है। उन्होंने बुनियादी ढांचे में सुधार और डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने पर भी ध्यान केंद्रित किया है।

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